Swami vivekananda biography in hindi in pdf


Swami Vivekananda Biography in Hindi PDF | स&#;व&#;म&#; व&#;व&#;क&#;नन&#;द

Title : स&#;व&#;म&#; व&#;व&#;क&#;न&#;द क&#; ज&#;वन&#;
File Size : MB
Author :
Language : Hindi
Pages : 15
To read : Download PDF


प&#;र&#;रक अन&#;च&#;छ&#;द :पव&#;त&#;र ह&#;दय स&#; घ&#;ण&#; एकदम न&#;कल ज&#;त&#; ह&#;, अतएव पव&#;त&#;र ह&#;दय प&#;र&#;म स&#; एकदम लब&#;लब भर&#; ह&#;त&#; ह&#;&#; उच&#;च क&#;ट&#; क&#; पव&#;त&#;रह&#;दय व&#;यक&#;त&#; क&#;स&#; स&#; क&#;वल क&#;रणवश प&#;र&#;म नह&#;&#; करत&#;, अप&#;त&#; उसक&#; प&#;स क&#;वल प&#;र&#;म ह&#; ह&#; इसल&#;ए उसक&#; स&#;वभ&#;व ह&#; प&#;र&#;म करन&#;&#;

जब उसक&#; ह&#;दय म&#;&#; घ&#;ण&#; ह&#; ह&#; नह&#;&#;, त&#; क&#;स&#; क&#; ल&#;ए उसक&#; प&#;रय&#;ग क&#;स&#; ह&#; सकत&#; ह&#;! ह&#;&#;, क&#;स&#; क&#; द&#;स&#;स&#;वभ&#;व स&#; उसक&#; उप&#;क&#;ष&#; कर द&#;न&#; अलग ब&#;त ह&#;&#;

ज&#;सक&#; प&#;स र&#;पय&#;&#; क&#; व&#;श&#;ल क&#;ष ह&#;, ब&#;श&#;म&#;र खज&#;न&#; ह&#;, वह ल&#;ग&#;&#; स&#; क&#;ड़&#;-क&#;ड़&#; क&#;य&#;&#; च&#;ह&#;ग&#;! इस&#; प&#;रक&#;र ज&#; न&#;स&#;स&#;व&#;र&#;थ और पव&#;त&#;र ह&#;दय ह&#;न&#; स&#; स&#;वय&#; प&#;र&#;म क&#; अथ&#;ह स&#;गर ह&#; गय&#; ह&#; और ज&#; अपन&#; प&#;र&#;म क&#; भ&#;ख म&#;&#;ग&#;ग&#;&#; क&#;य&#; वह कभ&#; श&#;क&#;यत कर&#;ग&#; क&#; हम&#;&#; ल&#;ग प&#;र&#;म नह&#;&#; द&#; रह&#; ह&#;&#;! ज&#; सद&#;व द&#;सर&#;&#; क&#; आदर द&#;त&#; रहत&#; ह&#;, वह क&#;य&#; अपन&#; आदर क&#; भ&#;ख&#; ह&#;ग&#;!

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हम स&#;व&#;र&#;थ और अह&#;क&#;र क&#; क&#;रण बड़&#; क&#;र&#;र ह&#; गय&#; ह&#;&#;&#; हम द&#;सर&#; क&#; द&#;ष&#;&#; और अपन&#; ग&#;ण&#;&#; क&#; द&#;खन&#; क&#; ल&#;ए हज&#;र&#;&#; आ&#;ख&#;&#; व&#;ल&#; ह&#; ज&#;त&#; ह&#;&#; और द&#;सर&#; क&#; ग&#;ण&#;&#; एव&#; अपन&#; द&#;ष&#;&#; क&#; द&#;खन&#; क&#; ब&#;त आय&#; त&#; हम&#;र&#; भ&#;तर-ब&#;हर क&#; च&#;र&#;&#; आ&#;ख&#;&#; फ&#;ट ज&#;त&#; ह&#;&#;&#; ऐस&#; स&#;थ&#;त&#; म&#;&#; न समन&#;वय ह&#; सक&#;ग&#; न श&#;&#;त&#;&#;

द&#; भ&#;ई थ&#;&#; ऊपर स&#; घ&#; क&#; घड़&#; उत&#;रन&#; थ&#;&#; बड़&#; भ&#;ई ऊपर चढ़कर घ&#; क&#; घड़&#; उत&#;र&#; और न&#;च&#; खड़&#; छ&#;ट&#; भ&#;ई क&#; पकड़&#;य&#;&#; घ&#; क&#; घड़&#; द&#;न&#;&#; क&#; ह&#;थ&#;&#; स&#; ग&#;र&#; और फ&#;ट गय&#;&#; घ&#; खर&#;ब ह&#; गय&#;&#; बड़&#; भ&#;ई कहत&#; "म&#;झस&#; गलत&#; ह&#;ई&#; म&#;&#;न&#; ठ&#;क स&#; पकड़&#;न&#; स&#; पहल&#; छ&#;ड़ द&#;य&#;, इसल&#;ए म&#;र&#; गलत&#; ह&#;&#;" छ&#;ट&#; भ&#;ई कहत&#; "भ&#;य&#; गलत&#; म&#;र&#; ह&#;&#; म&#;&#;न&#; ठ&#;क स&#; सम&#;भ&#;ल&#; नह&#;&#;&#;"

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अब बत&#;ओ&#;, झगड़&#; क&#;स&#; ह&#;ग&#;! झगड़&#; तब ह&#;त&#; जब एक कहत&#; "त&#; बड़&#; म&#;र&#;ख ह&#;&#; त&#;न&#; इतन&#; ल&#;परव&#;ह&#; क&#; और घड़&#; नह&#;&#; सम&#;भल&#;&#; घ&#; खर&#;ब कर ड&#;ल&#;&#;" द&#;सर&#; कहत&#; "भ&#;ल आपन&#; क&#;, द&#;ष म&#;झ&#; लग&#;त&#; ह&#;&#;&#; आपक&#; ह&#; गलत&#; स&#; घ&#; खर&#;ब ह&#;आ ह&#;&#;" परन&#;त&#; यह&#;&#; त&#; द&#;न&#;&#; अपन&#;-अपन&#; द&#;ष द&#;खत&#; ह&#;&#; और द&#;सर&#; म&#;&#; सद&#;ग&#;ण&#; फ&#;र क&#;न झगड़&#; कर&#;!

अच&#;छ&#;इय&#;&#; क&#; ल&#;कर ह&#; समन&#;वय ह&#; सकत&#; ह&#;, ब&#;र&#;इय&#;&#; क&#; ल&#;कर कभ&#; एकत&#; नह&#;&#; ह&#;ई ह&#;&#; अतएव ज&#;तन&#; व&#;यक&#;त&#;य&#;&#; स&#; आपक&#; सम&#;पर&#;क ह&#; उनस&#; एकत&#; बन&#;य&#; रखन&#; क&#; ल&#;ए उनक&#; अच&#;छ&#;इय&#;&#; क&#; द&#;खन&#; तथ&#; उनक&#; प&#;रत&#; अग&#;ध प&#;र&#;म क&#; भ&#;व रखन&#; ह&#; अत&#;यन&#;त श&#;र&#;यस&#;कर ह&#;&#;

अतएव आवश&#;यकत&#; ह&#; अपन&#; आपक&#; स&#;क&#;च&#;त भ&#;वन&#;ओ&#; स&#; ऊपर उठन&#; क&#;&#; हर व&#;यक&#;त&#; क&#; च&#;ह&#;ए क&#; वह अपन&#; ह&#;दय म&#;&#; प&#;र&#;म क&#; भ&#;वन&#; कर&#;&#; वह प&#;र&#;म स&#; भर ज&#;ए&#; म&#;नव म&#;त&#;र क&#; ल&#;ए वह प&#;र&#;म स&#; आप&#;ल&#;व&#;त ह&#; और ज&#;व म&#;त&#;र क&#; ल&#;ए दय&#; स&#; प&#;र&#;ण!